उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

मंगलवार, 3 फ़रवरी 2009

वो चले आए

आज क्या ऐसा हुआ के, वो चले आए
हम भी कुछ हैरां थे कैसे, वो चले आए


क्या सदा सुन ली , उन्होंने प्यार की
कोई ख्वाहिश जागी ,या, दीदार की
याद मेरी आई , क्यूँकर वो चले आए
आज क्या......................................

क्या तड़प मेरी ,उन्हें यूँ, खींच कर लाई
याद मेरी कर, उन्हें , या आई अंगडाई
कच्चे धागे से बंधे-से , वो चले आए
आज क्या.........................................


नींद उनकी खो गई क्या ,स्वप्न से मेरे
बाल बिखरे, कुछ परीशां , नींद के घेरे
कुछ दीवानावार, गाफिल , वो चले आए
आज क्या............................................


मेरे गीतों ने उन्हें , या, दे दिया न्यौता
"इश्क के दरिया " में उनका लग गया गोटा
स्वप्न"-सा मुझको लगे, क्यूँ, वो चले आए
आज क्या..............................................





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