देखिये और ना बेगाना समझिये हमको
प्यार से देखिये दीवाना समझिये हमको
हमसे अब छोड़ भी दो शर्मो-हया जान-ऐ-जिगर
शम्मां हैं आप तो परवाना समझिये हमको
जो सुराही के लिए छान रहा मैखाने
प्यासा, भटका हुआ, पैमाना समझिये हमको
जिसको अल्लाह ने भेजा है तुम्हारी खातिर
वो ही नाचीज़ सा नजराना समझिये हमको
जिसमें राधा का कन्हैया से मिलन होता है
उससे मिलता हुआ अफसाना समझिये हमको
----------------------------
प्यार से देखिये दीवाना समझिये हमको
हमसे अब छोड़ भी दो शर्मो-हया जान-ऐ-जिगर
शम्मां हैं आप तो परवाना समझिये हमको
जो सुराही के लिए छान रहा मैखाने
प्यासा, भटका हुआ, पैमाना समझिये हमको
जिसको अल्लाह ने भेजा है तुम्हारी खातिर
वो ही नाचीज़ सा नजराना समझिये हमको
जिसमें राधा का कन्हैया से मिलन होता है
उससे मिलता हुआ अफसाना समझिये हमको
----------------------------
4 टिप्पणियां:
जिसमें राधा का कन्हैया से मिलन होता है
उससे मिलता हुआ अफसाना समझिये हमको
बहुत खूब.............
मज़ा आ गया साहब
बहुत बढ़िया. आनन्द आया.
aisa lag raha h jaise...
sara pyaar abhi umad aya hai... wo bhi ekdum saadgi ke saath.
:)
जिसमें राधा का कन्हैया से मिलन होता है
उससे मिलता हुआ अफसाना समझिये हमको
behad sundar!
ab to ruuthi hui premika bhi man jayegi!
एक टिप्पणी भेजें