कौन है ईश्वर कभी जब सोचता हूँ
स्वयं से ही प्रश्न कितने पूछता हूँ
कौन है सृष्टि को रचता जा रहा है
कौन जो देहों में बसता आ रहा है
किसके आदेशों से पृथ्वी घूमती है
किसके डर से सूर्य तपता आ रहा है
कौन आंधी और तूफां को चलाता
ज्वालामुखी पर्वत को जो पिघला रहा है
कौन सुनता है ह्रदय की चीत्कारें
अपने भक्तों पर कृपा बरसा रहा है।
स्वयं से ही प्रश्न कितने पूछता हूँ
कौन है सृष्टि को रचता जा रहा है
कौन जो देहों में बसता आ रहा है
किसके आदेशों से पृथ्वी घूमती है
किसके डर से सूर्य तपता आ रहा है
कौन आंधी और तूफां को चलाता
ज्वालामुखी पर्वत को जो पिघला रहा है
कौन सुनता है ह्रदय की चीत्कारें
अपने भक्तों पर कृपा बरसा रहा है।
14 टिप्पणियां:
sarthak prashn: samarpit prashan
bahut khoob yogesh jee
ैआपके अध्यात्म रस मे हम भी डूब गये बहुत सुन्दर कविता है जन आदमी ऐसे उतर खोजने लगता है तभी् उसे भगवान को समझते देर नहीं लगती पर आज कल की भागदौड मे समय किस के पास है खुद से सवाल कर्ने का बहुत बहुत बधाई
wahi sarwshaktimaan hai.............jo hame taakat deta hai bure wakt se ladane ka............badhiya
ऐसे ही prashnon के uttar dhoondhti है poori duniyaa................ जो oopar vaale की satta को मान letaa है.......... उसे इन prashnon के uttar की jaroorat नहीं होती
आप ने बहुत शाश्वत प्रश्न पूछें हैं...जिनका जवाब किसी के पास नहीं है....सुन्दर रचना...
नीरज
वाह !! पवित्र अतिसुन्दर चिंतन ....बहुत ही सुन्दर इस रचना हेतु आभार.
WAKAI RANJANAA JI NE SAHI KAHAA HAI KE AISI RACHANAAWO KO PAVITRA RACHNAA KAHNI CHAHIYE... BAHOT BAHOT BADHAAYEE
ARSH
sarvshaktiman hai wo.........sab jante hain magar manna nhi chahte .........dhoondhne wale ko hi mila karta hai wo.
bahut bahut bahut sunder or ak dam sacchi ..man ko choone vali rachna hai sir ......badhai
कौन सुनता है ह्रदय की चीत्कारें
अपने भक्तों पर कृपा बरसा रहा है।
ये प्रश्न भूत में भी पूछे गए थे और भविष्य में भी पूछे जायेंगे. सुंदर अभिव्यक्ति.
namastey uncle..
kya baat h aajkal aap blog par nahin aate hain... kaafi din ho gaye... ??
hmm... kon h..?? manthan, chintan sb kuch karenge tab bhi shayad pata na chale...
बहुत गहराई लिये हुए रचना योगेशजी।
ye sab to yaksh prashan ki tarah chuubh rahe hain !!
HARI OM!
बहुत अच्छी रचना है। वेदान्त इन सभी प्रश्नो का उत्तर प्रदान करता है।
मन और बुद्धि इन सभी प्रश्नो का उत्तर पाकर शान्त हो जाती है। उसके बाद शरीर प्रभु के उदय के लीए तैयार होता है।
www.vedantijeevan.com
Love and Om!
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