किस्मत मेहरबां हुई आप आये
मचलते हैं तूफां कई आप आये
वो तरसा किये जिनको दीवार-ओ-दर भी
वो, जिनके बिना घर न था , कोई घर भी
बने आज मेहमां, वही , आप आये
किस्मत.......................................
ग़मों की वो बदली नहीं छंट रही थी
वो, तन्हाई काटे नहीं कट रही थी
की अब हम हैं तन्हा, नहीं, आप आये
किस्मत......................................
वो कैसी अगन थी जले जिसमें दोनों
वो कैसी कशिश थी पले जिसमें दोनों
लुटा जिसमें , ईमां, सही आप आये
किस्मत.....................................
मचलते हैं तूफां कई आप आये
वो तरसा किये जिनको दीवार-ओ-दर भी
वो, जिनके बिना घर न था , कोई घर भी
बने आज मेहमां, वही , आप आये
किस्मत.......................................
ग़मों की वो बदली नहीं छंट रही थी
वो, तन्हाई काटे नहीं कट रही थी
की अब हम हैं तन्हा, नहीं, आप आये
किस्मत......................................
वो कैसी अगन थी जले जिसमें दोनों
वो कैसी कशिश थी पले जिसमें दोनों
लुटा जिसमें , ईमां, सही आप आये
किस्मत.....................................
16 टिप्पणियां:
achhe khayaalaat ke liye badhaayee..
arsh
वाह... योगेश जी, वाह... अच्छा गीत है.. बहुत अच्छा... साधुवाद स्वीकारें..
बहुत बढिया लिखा है .. बधाई स्वीकारें।
बहुत बेहतरीन गीत रचा है, वाह!
bahut khub likha hai yah geet aap ne Swapn ji.
ni:sandeh kabil-e-tariif
saral saras or bhavuk
bandhai swikaren
क्या बात क्या बात है। ये घर में कौण आण लाग रा है, जो मजे की छन रही है। घरवालों को ना बताया दीक्खै कि कौण आ रहा है। घर में शिकैत लगाणी पड़ेगी।
bahut badhiya..........badhayi sweekarein.
बहुत बहुत धन्यवाद आपकी टिपण्णी के लिए!
आपने बहुत ही सुंदर लिखा है! शानदार गीत के लिए बधाई!
waah ji waah
ग़मों की वो बदली नहीं छंट रही थी
वो, तन्हाई काटे नहीं कट रही थी
वाह स्वपन जी..........आप नहीं आये.......ये ही तो खासियत है न आने वालों की.जब जरूरत हो नहीं आते
बहुत खूब स्वप्न जी!
अच्छा लगा .... साधुवाद
bahut sunder geet ke liye badhaai mere blog par ane ka shukria apke sneh se meri kalam ko bal milta hai dhanyvad apki rachnao par adhik kuch kah sakoon ye suraj ko deepak dikhana hai shubhkamnayen
badhaayee .sundar kavita .
badhaayee .sundar kavita .
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