उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

रविवार, 2 अगस्त 2009

अर्थ की ख्वाहिश ने क्या-क्या कर दिया

अर्थ की ख्वाहिश ने क्या-क्या कर दिया
दिल था एक मासूम पत्थर कर दिया

था गगन छूने का भी दम-ख़म मगर
जालिमों ने काट एक-एक पर दिया

प्यार कर बनने लगा जो देवता
उसके सीने में भी खंजर कर दिया

जो स्वपन देखा वही टुकड़े हुआ
आँख में अश्कों का निर्झर भर दिया

जिसकी  खातिर वो लड़ा, लड़ता रहा
 उसने ही साबित सितमगर कर दिया

थी डुबोने को बहुत एक लहर ही
ज्वार-भाटा और समंदर कर दिया

बागबां कैसे मिले उसको "स्वप्न"
खिल रहे गुलशन को बंज़र कर दिया


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12 टिप्‍पणियां:

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बढिया रचना है योगेश जी।बधाई स्वीकारें।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बागबां कैसे मिले उसको "स्वप्न"
खिल रहे गुलशन को बंज़र कर दिया

सुन्दर अभिव्यक्ति।
बधाई।

kshama ने कहा…

Oh..! behad khoobsoorat rachnaa...! Isse adhik alfaaz nahee...!

http://shamasansmaran.blogspot.com

http://kavitasbyshama.blogspot.com

http://shama-kahanee.blogspot.com

http://shama-baagwaanee.blogspot.com

दिगम्बर नासवा ने कहा…

paise ........... सच में बहूत बड़ा है .......... sundar रचना है आपकी

ALOK PURANIK ने कहा…

गहरी पीड़ा है जी, आपकी नहीं पूरे जमाने की है। जमाये रहिये।

ओम आर्य ने कहा…

बहुत ही स्वपन जी आपने भावनाओ को बहुत ही बारिकी से पिरोया है ......जो बेहद खुब्सूरत है ........बधाई

hem pandey ने कहा…

बागबाँ कैसे मिले उसको 'स्वपन'
खिल रहे गुलशन को बंजर कर दिया
- गुलशन को बंजर किये जाना अनवरत चल रहा है. इसे रोके जाने की जरूरत है.

M VERMA ने कहा…

मासूम रचना -- व्यथित हृदय --
बहुत बारीक संवेदना
बहुत सुन्दर

vijay kumar sappatti ने कहा…

yogesh ji , main kya kahun , aapne aaj ka nagn satya darsha diya hai apniu gazal ke dwara .. nishabd hoon ..

badhai..

aabhar

vijay

pls read my new poem "झील" on my poem blog " http://poemsofvijay.blogspot.com

Puneet Sahalot ने कहा…

namastey uncle..!!
bahut dino baad aapke blog par aana hua.
or bahut hi sundar rachna padhne ko mili. :)

"jinki khaatir wo ladaa,ladtaa rahaa..."
ye ek haqiqat hai.. esa to aksar hota rehta hai aaj k zamaane mein

ज्योति सिंह ने कहा…

bebehad khoobsurat rachana ,har pankti jaandar .der se aane ke liye mafi chahati hoon .itne tyohar hai ki samya nahi de paa rahi blog pe ,rachana bhi meri friend se bol kar dalwai hoon .kal bhi harchhat ki pooja hai .

बेनामी ने कहा…

Excellent,,, Im Speechless, Dont have words...