जिंदगी में प्यार की सबको ज़रुरत है
हर किसी के मन बसी एक खूब सूरत है
चल किसी मोहताज़ की कुछ मदद कर दें
मत घड़ी को देख ये अच्छा मुहूरत है
हर बशर एक सा है मिटटी से बना एक
हर बशर में एक ही रब की तो मूरत है
मैं कहाँ हस्ती कहाँ मेरी जो बोलूं
रब के बारे में , कहाँ मेरी ये जुर्रत है?
जोड़ना गर चाहता है उससे नाता
दे सदा उसको अगर थोडी भी हसरत है
http://swapnyogeshverma.blogspot.com/2009/10/blog-post_10.html "तुम्हारे लिए" भी देखें.
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17 टिप्पणियां:
योगेश जी बहुत सुन्दर रचना है।
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना .आभार
कितनी अच्छी बात कही है, हम कोई भला काम करने से पहले कितने मुहूर्त निकालते हैं..और प्रतीक्षा करते है उन अनगिनत गवाहों कि जो कि बाद मे दुनिया मे हमारे भले होने का ढिंढोरा पीट सकें...आंखें खोलती हुई ग़ज़ल.
बहुत दिनों बाद आपने ग़ज़ल पोस्ट की.
'हर बशर एक सा है...'शेर पसंद आया.
अच्छी ग़ज़ल है .
आभार
बहुत खूब...हर एक ग़ज़ल बेजोड़..अच्छा लगा पढ़ कर.
बहुत उम्दा...आनन्द आ गया.
प्यार बिना ज़िन्दगी कहाँ! प्यार की जरूरत तो सबको ही है.
बहुत सुन्दर भाव पिरोया है
बहुर खूबसूरत रचना
हर बशर एक सा है मिटटी से बना एक
हर बशर में एक ही रब की तो मूरत है
बहुत सुन्दर!
बधाई!
rachanaa ke bhav paksh achhe hai
aabhaar
arsh
"soorat, mahoorat,moorat, jurrat, hasrat' in shabdon kaa intaa khoobsoorat istemaal kiya hai....waah!
vaah . कमाल के का लिखा है swapan जी ........... मज़ा आ गया पढ़ कर ......
जोड़ना गर चाहता है उससे नाता
दे सदा उसको अगर थोडी भी हसरत है
ये शे'र लाजवाब लगा .......नाता जोड़ने के लिए सदा तो देनी ही पड़ेगी .....बहुत खूब .....!!
योगेश जी आपकी लगन तो आज कल पूरी तरह से उस मे लग गयी है और हर रचना मे भक्तिभाव होता है ।सही अच्छे काम के लिये किसी महूरत की जरूरत नहीं होती। और ये भी कि अगर उसे दिल से पुकारो तो वो जरूर सुनता है। लाजवाब रचना है बधाई
chahiye thoda pyar, thoda pyar chahiye
चल किसी मोहताज़ की कुछ मदद कर दें
मत घडी को देख ये अच्छा मुहरत है
..............ग़ज़ल बहुत बढ़िया हर शेर दबंग.
बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
आत्मिक सुख दे गयी आपकी यह रचना ....बहुत बहुत बधाई!
अति सुन्दर भाई . बधाई!!
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