प्रस्तुत है एक और गीत पुरानी डायरी से.
थाम लिया है आँचल, अबकी बार ना छोड़ेंगे
थाम लिया है आँचल, अबकी बार ना छोड़ेंगे
थाम लिया है आँचल, अबकी बार ना छोड़ेंगे
ले जायेंगे उस पार तुम्हें, इस पार ना छोड़ेंगे
तुमको पाकर सदियों की, भटकन को मिल गया विराम
दिल को मिला सुकून, हुए सच स्वप्न तमाम
बाँध लिया है बिना डोर के, बंधन में तुमको ऐसे
राधा के संग श्याम का, जुड़ा हुआ हो जैसे नाम
तोड़ेंगे सब रिश्ते जग, के प्रीत ना तोड़ेंगे
थाम लिया है आँचल, अबकी बार ना छोड़ेंगे
ले जायेंगे उस पार तुम्हें, इस पार ना छोड़ेंगे
एक नज़र ने कर दिया है, क्या कमाल देख लो
क्या जहां में इस तरह की, है मिसाल देख लो
प्यार का इस जहां पे, हो रहा है यूँ असर
जादूगर का जैसे कोई, हो कमाल देख लो
प्रीत की राहों से अपने, कदम ना मोड़ेंगे
थाम लिया है आँचल, अबकी बार ना छोड़ेंगे
ले जायेंगे उस पार तुम्हें, इस पार ना छोड़ेंगे
तोड़ के जग के सारे नाते, एक दिन तो आना होगा
प्रीत का गीत मेरे संग मिलकर, एक दिन तो गाना होगा
एक दिन तो मेरे भी घर में, होगी प्यार की दीवाली
दो प्यासी रूहों को आखिर, एक दिन मिल जाना होगा
टूटे ना ये प्रीत, दिलों को, ऐसे जोड़ेंगे
थाम लिया है आँचल, अबकी बार ना छोड़ेंगे
ले जायेंगे उस पार तुम्हें, इस पार ना छोड़ेंगे
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18 टिप्पणियां:
यह जिद्द दृढ़ता से बनी रहे योगेश भाई। भेहतर भाव की रचना।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
वाह इसे कह्ते हैं प्रेम की चरम भावना
nice
थाम लिया है आँचल, अबकी बार न छोड़ेगे
ले जायेंगे उस पार तुम्हें इस पार न छोड़ेंगे
बहुत सुंदर.....मनमोहक पंक्तियाँ .....!!
सोच रही हूँ शायद ही आज के युग में किसी ने इतने भक्ति गीत लिखे हों ....!!
बहुत सुन्दर रचना योगेश जी आभार .
बेहद खूबसूरत रचना ।
सुन्दर भाव लिए बेहतरीन गीत!!!
Yogesh ji,
ati sundar geet. badhai!!
krishn ke prem mein aap jitna doobe hain us ka soubhaagy kisi kisi ko milta hai ... aap dhany hain ... uttam rachna hai ...
सुंदर रचना. अभिनंदन, योगेशजी.
behad sunar geet.
सुंदर प्रेम गीत।
थाम लिया है आँचल, अबकी बार ना छोड़ेंगे
ले जायेंगे उस पार तुम्हें, इस पार ना छोड़ेंगे
खूबसूरत जज्बा और जज्बात है
बहुत खूब वाह वाह
आनंद आ गया
शुक्रिया इस दिली 'वाह' के लिए .....बस आपके इस कन्हैया का आशीवाद है .....!!
ले जायेंगे उस पार /राहो से कदम न मोडेंगे और दिलों को ऐसे जोडेंगे / जग के सारे रिश्ते भी तोडेंगे ।हम तोडेंगे जग के रिश्ते तुम्हे भी सब रिश्तों को तोड कर आना होगा ।अच्छी रचना
थाम लिया है आँचल, अबकी बार न छोड़ेगे
ले जायेंगे उस पार तुम्हें इस पार न छोड़ेंगे
bahut hi khoobsurat rachna man ko moh li ,let ho gayi vyastta ke karan
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