दर्द ने जब खटखटाया दिल का द्वार
एक नया नगमा बना कर सो गया
जब कभी पूछा किसी ने कौन थी
"स्वप्न" का किस्सा सुना कर सो गया
नींद जब आंखों से गायब हो गई
गीत अपना गुन गुना कर सो गाया
याद जब उसकी अचानक आ गई
प्यास होठों की बुझा का सो गया
जब शुरू उसने किए शिकवे गिले
मुस्कुराया मुस्कुरा कर सो गया।
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7 टिप्पणियां:
दर्द ने जब खटखटाया दिल का द्वार
एक नया नगमा बना कर सो गया
जब कभी पूछा किसी ने कौन थी
"स्वप्न" का किस्सा सुना कर सो गया
बहुत सुंदर ....खूबसूरत
आप sheershak को भी sudhaar लें
bhaut he accha likh ahai
manvinder ji aapka dhanyawad, shirshak ki bhool sudhar di hai, punah dhanyawad.
sir... namaskaar...!!
mujhe zyada kuchh kehna ya tarif karna to nahi aata hai. par aapki rachanaaye padhkar bahut achha laga or isiliye aapke followers ki list me jood gaya hoon. :)
नींद जब आंखों से गायब हो गई
गीत अपना गुन गुना कर सो गाया
bahut khub
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