मैंने जितना तुम्हें मनाया है
उतने तुम रूठ -रूठ गए
फ़िर भी हर बार मैंने कोशिश की
दिल के सब स्वप्न टूट-टूट गए
तुम ना आए, ना तुम को आना था
वादा करके क्यूँ झूठ -मूठ गए
एक दिल का गुरूर था हमको
वो भी तुम लूट-लूट गए
इश्क का एक रिश्ता कायम है
बाकी नाते तो टूट-फूट गए
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उतने तुम रूठ -रूठ गए
फ़िर भी हर बार मैंने कोशिश की
दिल के सब स्वप्न टूट-टूट गए
तुम ना आए, ना तुम को आना था
वादा करके क्यूँ झूठ -मूठ गए
एक दिल का गुरूर था हमको
वो भी तुम लूट-लूट गए
इश्क का एक रिश्ता कायम है
बाकी नाते तो टूट-फूट गए
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