मुझको अपने सपनों में ,आने की इजाज़त दे दो ना
घड़ी दो घड़ी बात करूँ , इतनी तो मोहलत दे दो ना
मुझको............................................................
तेरी यादों के चंगुल से , कुछ देर निकल बहार आऊँ
दूर करूँ कुछ शिकवे गिले, इतनी तो फुर्सत दे दो ना
मुझको............................................................
कब से पड़ा हुआ दोज़ख में , तेरे लिए दिल की मलिका
तेरे दिल में जगह मिले, इतनी तो जन्नत दे दो ना
मुझको...........................................................
मैंने तुझसे प्यार किया है , दिल जाने या रब जाने
तुझसे भी ये कह पाऊँ , बस इतनी हिम्मत दे दो ना
मुझको................................................................
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3 टिप्पणियां:
bahut badhiya. dhanyawaad.
सुन्दर कविता है जी आपकी.
मैंने तुझसे प्यार किया है , दिल जाने या रब जाने
तुझसे भी ये कह पाऊँ , बस इतनी हिम्मत दे दो
उम्दा गीत स्वपन जी hameshaa की तरह बहुत सुंदर
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