उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

बुधवार, 7 जनवरी 2009

मुझको अपने...................

मुझको अपने सपनों में ,आने की इजाज़त दे दो ना

घड़ी दो घड़ी बात करूँ , इतनी तो मोहलत दे दो ना

मुझको............................................................


तेरी यादों के चंगुल से , कुछ देर निकल बहार आऊँ

दूर करूँ कुछ शिकवे गिले, इतनी तो फुर्सत दे दो ना

मुझको............................................................


कब से पड़ा हुआ दोज़ख में , तेरे लिए दिल की मलिका

तेरे दिल में जगह मिले, इतनी तो जन्नत दे दो ना

मुझको...........................................................


मैंने तुझसे प्यार किया है , दिल जाने या रब जाने

तुझसे भी ये कह पाऊँ , बस इतनी हिम्मत दे दो ना

मुझको................................................................


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3 टिप्‍पणियां:

समयचक्र ने कहा…

bahut badhiya. dhanyawaad.

बवाल ने कहा…

सुन्दर कविता है जी आपकी.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

मैंने तुझसे प्यार किया है , दिल जाने या रब जाने
तुझसे भी ये कह पाऊँ , बस इतनी हिम्मत दे दो

उम्दा गीत स्वपन जी hameshaa की तरह बहुत सुंदर