उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

बुधवार, 28 जनवरी 2009

देखिये और न ........................

देखिये और ना बेगाना समझिये हमको
प्यार से देखिये दीवाना समझिये हमको

हमसे अब छोड़ भी दो शर्मो-हया जान--जिगर
शम्मां हैं आप तो परवाना समझिये हमको

जो सुराही के लिए छान रहा मैखाने
प्यासा, भटका हुआ, पैमाना समझिये हमको

जिसको अल्लाह ने भेजा है तुम्हारी खातिर
वो ही नाचीज़ सा नजराना समझिये हमको

जिसमें राधा का कन्हैया से मिलन होता है
उससे मिलता हुआ अफसाना समझिये हमको

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मंगलवार, 27 जनवरी 2009

तुम ना आए..............................

तुम ना आए ,जाने वाले , दे के तन्हाई
तुम्हारी याद क्यों आई , तुम्हारी याद क्यों आई


हम भुला बैठे थे अपनी, जिंदगी के गुज़रे दिन
रात जब काटी थी हमने, बिरहा में तारों को गिन
हाय , कैसी चल पड़ी ये, आज पुरवाई
तुम्हारी याद क्यों आई, तुम्हारी याद क्यों आई
तुम ना आए....................................................


क्यों पुराने ज़ख्म ताज़ा ,होके तड़पाने लगे
प्यार के नगमे सभी, ये लोग क्यूँ गाने लगे
इश्क की ये आग किसने,फिर से सुलगाई
तुम्हारी याद क्यों आई, तुम्हारी याद क्यों आई
तुम ना आए...................................................


क्यों वही अरमां, वही फिर, ख्वाब ,क्यूँ आने लगे
दिल के टुकड़े-टुकड़े कैसे, दिल को धड़काने लगे
फिर वही मौसम, वही फिर से घटा छाई
तुम्हारी याद क्यों आई, तुम्हारी याद क्यों आई,
तुम आए...................................................

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