उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

शुक्रवार, 13 फ़रवरी 2009

तीन लघु रचनाएँ

प्यार में नापो नहीं
प्यार में तोलो नहीं
प्यार में बस चुप रहो
प्यार में बोलो नहीं

प्यार तोहफा रब का है
खुशनसीबों को मिले
प्यार में बस खुश रहो
राज-ऐ-दिल खोलो नहीं

प्यार में है क्या मज़ा
प्यार वाले जानते
प्यार करने दो उन्हें
विष-ज़हर घोलो नहीं

शब्द और संगीत से
गीत होता पूर्ण है
प्यार (दुएत)( सोंग) है (DUET)(SONG)
गीत ये( सोलो) नहीं(SOLO)

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जीवन
एक गीत,
आत्मा
मुखडा,
जन्म
अंतरा,
कर्म
अलंकार,
आंसू और मुस्कान
संगीत,
धुन
सुख दुःख,
श्रोता
जगत,
भाव
"प्रेम"

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नज़र मिली
दीदार हुआ,
दिल धड़का
प्यार हुआ,
शोले भड़के,
इकरार हुआ,
आंसू टपके
----?---- हुआ

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उत्तर ----इनकार

लघु रचना लिखने की कोशिश की है आपको कैसी लगी बताएं। धन्यवाद

गुरुवार, 12 फ़रवरी 2009

मेरे ख्वाबों को ..................

मेरे ख्वाबों को, हकीक़त में बदलने वाले
मेरे हमराज़, मेरे साथ में चलने वाले ।
मेरे ख्वाबों को....................................

हमसफ़र साथ में चलना , ना कहीं खो जाना
मेरे अपने, तू कहीं, गैर नहीं हो जाना
प्यार की लौ में,मेरे साथ में जलने वाले
मेरे ख़्वाबों को......................................

दूर मंजिल है तो क्या, तू है तेरा साथ तो है
मेरे हाथों में मेरे ,दोस्त तेरा हाथ तो है
ठोकरें खा के मेरे साथ, संभलनेवाले
मेरे ख़्वाबों को.....................................

साथ में तू है अगर, मेरे, मुझे क्या गम है
तेरा हमराह हूँ ये , मेरे लिए क्या कम है
मेरे गीतों पे, मेरे साथ, मचलने वाले
मेरे ख़्वाबों को....................................


रचना की तिथि ०८.१२.१९८२