मोहन मोहिनी मूरत मुझे, दिखाकर मुझसे दूर ना जा
मनोहारिणी मुरली मधुर , सुनाकर मुझसे दूर ना जा
तड़पता मुझको यूँ ना छोड़
मुखडा मुझसे यूँ ना मोड़
नाता मुझसे यूँ ना तोड़
हाथ रही तेरे आगे जोड़
मनभावन मधुकर मन मेरा , चुरा कर मुझसे दूर ना जा
मोहन मोहिनी मूरत मुझे..........................................
मन में मुझे बसा लो तुम
जग से मुझे छुडा लो तुम
अपने गले नहीं तो नाथ
अपनी शरण लगा लो तुम
मनमोहन मतवाली मुझे, बना कर मुझसे दूर ना जा
मोहन मोहिनी मूरत मुझे........................................
जनम जनम की दासी हूँ,
प्रेम -सुधा की प्यासी हूँ
मीरा-सी तो मान ले मोहन
बेशक ना राधा-सी हूँ
माधव मेरी मंजिल मुझे , दिखाकर मुझसे दूर ना जा
मोहन मोहिनी मूरत मुझे........................................
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मनोहारिणी मुरली मधुर , सुनाकर मुझसे दूर ना जा
तड़पता मुझको यूँ ना छोड़
मुखडा मुझसे यूँ ना मोड़
नाता मुझसे यूँ ना तोड़
हाथ रही तेरे आगे जोड़
मनभावन मधुकर मन मेरा , चुरा कर मुझसे दूर ना जा
मोहन मोहिनी मूरत मुझे..........................................
मन में मुझे बसा लो तुम
जग से मुझे छुडा लो तुम
अपने गले नहीं तो नाथ
अपनी शरण लगा लो तुम
मनमोहन मतवाली मुझे, बना कर मुझसे दूर ना जा
मोहन मोहिनी मूरत मुझे........................................
जनम जनम की दासी हूँ,
प्रेम -सुधा की प्यासी हूँ
मीरा-सी तो मान ले मोहन
बेशक ना राधा-सी हूँ
माधव मेरी मंजिल मुझे , दिखाकर मुझसे दूर ना जा
मोहन मोहिनी मूरत मुझे........................................
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