उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2009

जिंदगी में प्यार की...........

जिंदगी में प्यार की सबको ज़रुरत है
हर किसी के मन बसी एक खूब सूरत है

चल किसी मोहताज़ की कुछ मदद कर दें
मत घड़ी को देख ये अच्छा  मुहूरत है

हर बशर एक सा है मिटटी से बना एक
हर बशर में एक ही रब की तो मूरत है

मैं कहाँ हस्ती कहाँ मेरी जो बोलूं
रब के बारे में , कहाँ मेरी ये जुर्रत है?

जोड़ना गर चाहता है उससे नाता
दे सदा उसको अगर थोडी भी हसरत  है


http://swapnyogeshverma.blogspot.com/2009/10/blog-post_10.html  "तुम्हारे लिए" भी देखें.

रविवार, 4 अक्तूबर 2009

कन्हैया को मैया बुलाय रही रे

लीजिये प्रस्तुत है "श्याम श्याम भजो" कैसेट से मेरा लिखा दूसरा भजन "कन्हैया को मैया बुलाय रही रे " इस पोस्ट के साथ इस भजन और पिछली १९.०५.२००९ की पोस्ट में प्रकाशित भजन "श्याम श्याम भजो" का ऑडियो /विडियो भी संलग्न/अटैच कर रहा हूँ. पढिये और सुनिए . और सुनकर बताइए आपको कैसे लगे दोनों भजन.

कन्हैया को मैया बुलाय रही रे
कन्हैया को मैया बुलाय रही रे
आजा तोहे माखन खिलाये देऊ रे ()

क्यूँ चोरी का माखन खाता -
गोपिन से मुझको सुनवाता -
चोर है तेरा कान्हा , क्यूँ दुनिया कहे
माखन से तुझको छकाये देऊ रे

कन्हैया को मैया बुलाय रही रे ..................

क्यूँ खोजे दूजे घर माखन-2
क्यूँ लगवाता खुद पर लांछन-2
घर में कितना भरा है रे माखन दही
माखन का पर्वत बने देऊ रे

कन्हैया को मैया..............................

जितना चाहे उतना खा ले-
माखन में मिश्री मिलवा ले -
राधा के घर तू जाता , क्यूँ रे बता
राधा को घर ही बुलाय देऊ रे

कन्हैया को मैया....................................http://www.youtube.com/watch?v=sF0qoNiDvmc