उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

शनिवार, 9 जनवरी 2010

तेरी याद मेरे साथ है तन्हा नहीं हूँ मैं

लीजिये एक और रचना पुरानी डायरी से

तेरी याद मेरे साथ है तन्हा नहीं हूँ मैं 

तेरी याद मेरे साथ है, तन्हा नहीं हूँ मैं
तारों से भरी रात है ,वीरां नहीं हूँ मैं

पूछूंगा हाल जब कभी, आओगे सामने
ख़्वाबों में मुलाक़ात है, गूंगा नहीं हूँ मैं

हाँ जानता हूँ दर्द,ये आंसू, दीवानगी
सब प्यार की सौगात है, नादाँ नहीं हूँ मैं

क्यों दे रहे हो प्यार से, सपनों की टाफियां
ऐसे ही बहल जाऊँगा ,बच्चा नहीं हूँ मैं

दर्द से पैदा हुआ, लफ़्ज़ों के बल चला
क्या सोचते हो , देख, लो नगमा नहीं हूँ मैं

जागोगे नींद से  कभी,ढूंढोगे फिर मुझे
हूँ "स्वप्न" में खोया , मगर सपना नहीं हूँ मैं


************************

मंगलवार, 5 जनवरी 2010

ना भुला सका

लीजिये एक और रचना पुरानी डायरी से.


ना भुला सका 

मैंने तेरी राह ना देखी,
इंतज़ार भी नहीं किया
सच कहता हूँ ,दिल से, मैंने
तुझको प्यार भी नहीं किया
फिर भी जाने क्या कारण है तुझको मैं ना भुला सका

तुझसे कभी ना मिलना चाह
तेरा रूप ना कभी सराहा
वफ़ा की कोई कसम ना खाई
वादा कोई नहीं किया
फिर भी जाने क्या कारण है तुझको मैं ना भुला सका

तेरे लिए कोई गीत ना गाया
कोई फ़साना नहीं बनाया
दीवाना ना बनकर भटका
तुझको रुसवा नहीं किया
फिर भी जाने क्या कारण है तुझको मैं ना भुला सका

************