लीजिये प्रस्तुत है "श्याम श्याम भजो" कैसेट से एक और रचना.
सारी गोपियाँ कहें मोहे,सांवरो कन्हाई
सारी गोपियाँ कहें मोहे,सांवरो कन्हाई
सारी गोपियाँ कहें मोहे, सांवरो कन्हाई
मोहे तू ही बता दे ,मैं का करूँ माई (२)
सारी गोपियाँ कहें..............................
सांवरो कह के , मोहे खिझावें
माखन चोरी,नाम लगावें
मैंने तोडी नहीं मटकी, दही ना चुराई
सारी गोपियाँ कहें.................................
सांवरो मेरा, नाम रहेगा
कृष्णा मुझको ,कौन कहेगा
बेर बेर मैया मोहे, आवे है रुलाई
सारी गोपियाँ कहें................................
और कहें तो,छोड़ भी दूं मैं
सबसे नाता ,तोड़ भी दूं मैं
सांवरो कहे मोहे , मेरो दाऊ भाई
सारी गोपियाँ कहें................................
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