उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

बुधवार, 16 जून 2010

अब तो बस दे दे दरस, ओ सांवरे

अब तो बस दे दे दरस, ओ सांवरे

अब तो बस दे दे दरस, ओ सांवरे
जग की ज्वाला में जला मन, ढूंढे तेरी छाँव रे
अब तो बस............................................

एक तेरी प्यास तेरी आस, हर एक श्वास में
तुझको पा जाऊं तड़पता मन ,इसी विश्वास में
रिश्ते  नाते तोड़ रख दी, जिंदगी भी दांव रे
अब तो बस..............................................

न राधा हूँ न मीरा हूँ , न तुलसी न संत कबीर
तेरा नाम ले भटक रहा हूँ, बना बावरा एक फकीर
अब तो बता दे है कहाँ, तेरा देश, तेरा गाँव  रे
अब तो बस............................................

जग का बंधन ना रहा, ना  देह का बंधन
सुख दुःख भूला, हर्ष शोक, भूला सब क्रंदन
बस प्रतीक्षा रत पडूंगा , कब तुम्हारे पाँव रे
अब तो बस.......................................
योगेश स्वप्न