उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

शुक्रवार, 8 मई 2009

किस्मत मेहरबान हुई आप आए

किस्मत मेहरबां हुई आप आये
मचलते हैं तूफां कई आप आये

वो तरसा किये जिनको दीवार--दर भी
वो, जिनके बिना घर था , कोई घर भी
बने आज मेहमां, वही , आप आये
किस्मत.......................................

ग़मों की वो बदली नहीं छंट रही थी
वो, तन्हाई काटे नहीं कट रही थी
की अब हम हैं तन्हा, नहीं, आप आये
किस्मत......................................

वो कैसी अगन थी जले जिसमें दोनों
वो कैसी कशिश थी पले जिसमें दोनों
लुटा जिसमें , ईमां, सही आप आये
किस्मत.....................................

आदर करूंगा , खुशामद नहीं.........

आदर करूंगा , खुशामद नहीं
अभी इतना छोटा, मेरा कद नहीं

जो सर को झुका दे मेरा, रौब से
अभी इतना ऊंचा, तेरा पद नहीं

अभी तक तो कायम है, ईमां मेरा
भले तू हो कोई, मैं हर्षद नहीं

तेरी ही दया के, सहारे जियूं
नहीं मैं लता, तू भी बरगद नहीं

मैं उसका सनेही, जो मदहीन है
है जिसकी कृपा की, कोई हद नहीं