किस्मत मेहरबां हुई आप आये
मचलते हैं तूफां कई आप आये
वो तरसा किये जिनको दीवार-ओ-दर भी
वो, जिनके बिना घर न था , कोई घर भी
बने आज मेहमां, वही , आप आये
किस्मत.......................................
ग़मों की वो बदली नहीं छंट रही थी
वो, तन्हाई काटे नहीं कट रही थी
की अब हम हैं तन्हा, नहीं, आप आये
किस्मत......................................
वो कैसी अगन थी जले जिसमें दोनों
वो कैसी कशिश थी पले जिसमें दोनों
लुटा जिसमें , ईमां, सही आप आये
किस्मत.....................................
मचलते हैं तूफां कई आप आये
वो तरसा किये जिनको दीवार-ओ-दर भी
वो, जिनके बिना घर न था , कोई घर भी
बने आज मेहमां, वही , आप आये
किस्मत.......................................
ग़मों की वो बदली नहीं छंट रही थी
वो, तन्हाई काटे नहीं कट रही थी
की अब हम हैं तन्हा, नहीं, आप आये
किस्मत......................................
वो कैसी अगन थी जले जिसमें दोनों
वो कैसी कशिश थी पले जिसमें दोनों
लुटा जिसमें , ईमां, सही आप आये
किस्मत.....................................