उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

रविवार, 2 अगस्त 2009

अर्थ की ख्वाहिश ने क्या-क्या कर दिया

अर्थ की ख्वाहिश ने क्या-क्या कर दिया
दिल था एक मासूम पत्थर कर दिया

था गगन छूने का भी दम-ख़म मगर
जालिमों ने काट एक-एक पर दिया

प्यार कर बनने लगा जो देवता
उसके सीने में भी खंजर कर दिया

जो स्वपन देखा वही टुकड़े हुआ
आँख में अश्कों का निर्झर भर दिया

जिसकी  खातिर वो लड़ा, लड़ता रहा
 उसने ही साबित सितमगर कर दिया

थी डुबोने को बहुत एक लहर ही
ज्वार-भाटा और समंदर कर दिया

बागबां कैसे मिले उसको "स्वप्न"
खिल रहे गुलशन को बंज़र कर दिया


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