कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष।
(भगवन कृष्ण के गोकुल से मथुरा गमन के बाद का शब्द चित्र ।)
तेरे बाबा करे हैं याद तुझे अब तो मोहन घर आ जा रे
दिल से आंसू की धार बहे , अब तो गले लगा जा रे
सूना -सूना लगता गोकुल
जड़ चेतन सब हैं अति व्याकुल
सुध-बुध खो तेरी मैया कहे, चंदा-सा मुख दिखला जा रे
तेरे बाबा करे हैं..........................................................
भोजन में अब स्वाद नहीं है
तुझे किसी की याद नहीं है
माखन मिश्री करें प्रतीक्षा, आकर भोग लगा जा रे
तेरे बाबा करे हैं.......................................................
तेरी सब गैया रोती हैं
शुक मयूर सब मौन हो गए
ग्वाल बाल सब चीख रहे हैं, आकर गाय चारा जा रे
तेरे बाबा करे हैं......................................................
सभी गोपियाँ तड़प रही हैं
राधा बावरी भटक रही है
अपने प्रेमी जन की सुध ले , अब तो धीर बंधा जा रे
तेरे बाबा करे हैं........................................................
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(भगवन कृष्ण के गोकुल से मथुरा गमन के बाद का शब्द चित्र ।)
तेरे बाबा करे हैं याद तुझे अब तो मोहन घर आ जा रे
दिल से आंसू की धार बहे , अब तो गले लगा जा रे
सूना -सूना लगता गोकुल
जड़ चेतन सब हैं अति व्याकुल
सुध-बुध खो तेरी मैया कहे, चंदा-सा मुख दिखला जा रे
तेरे बाबा करे हैं..........................................................
भोजन में अब स्वाद नहीं है
तुझे किसी की याद नहीं है
माखन मिश्री करें प्रतीक्षा, आकर भोग लगा जा रे
तेरे बाबा करे हैं.......................................................
तेरी सब गैया रोती हैं
शुक मयूर सब मौन हो गए
ग्वाल बाल सब चीख रहे हैं, आकर गाय चारा जा रे
तेरे बाबा करे हैं......................................................
सभी गोपियाँ तड़प रही हैं
राधा बावरी भटक रही है
अपने प्रेमी जन की सुध ले , अब तो धीर बंधा जा रे
तेरे बाबा करे हैं........................................................
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स्वतंत्रता दिवस पर एक प्रश्न
देश प्रेमी हो तो बोलो देश की खातिर क्या दोगे?
रक्त के अतिरिक्त इस पर और क्या अर्पित करोगे?
दे सको तो मानसिक संकीर्णता दे दो
धर्म की नीवें हिलाती जीर्णता दे दो
जो अहिंसा को मिटाए क्रोध दे दो
सत्य को झुठलाये ऐसा बोध दे दो
कुटिल ह्रदय के सारे तुच्छ विचार दे दो
पाप को जो मूल भ्रष्टाचार दे दो
सौगंध लो ये सब नहीं देते डरोगे
देश प्रेमी हो तो बोलो देश की खातिर क्या दोगे?
देश प्रेमी हो तो बोलो देश की खातिर क्या दोगे?
रक्त के अतिरिक्त इस पर और क्या अर्पित करोगे?
********देश प्रेमी हो तो बोलो देश की खातिर क्या दोगे?
रक्त के अतिरिक्त इस पर और क्या अर्पित करोगे?
दे सको तो मानसिक संकीर्णता दे दो
धर्म की नीवें हिलाती जीर्णता दे दो
जो अहिंसा को मिटाए क्रोध दे दो
सत्य को झुठलाये ऐसा बोध दे दो
कुटिल ह्रदय के सारे तुच्छ विचार दे दो
पाप को जो मूल भ्रष्टाचार दे दो
सौगंध लो ये सब नहीं देते डरोगे
देश प्रेमी हो तो बोलो देश की खातिर क्या दोगे?
देश प्रेमी हो तो बोलो देश की खातिर क्या दोगे?
रक्त के अतिरिक्त इस पर और क्या अर्पित करोगे?