उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

हम तो ऐसे ही कहेंगे जी "गज्जल"

हम तो ऐसे ही कहेंगे  जी "गज्जल"
(होली के अवसर पर विशेष )



देर से बैठा हूँ इस उम्मीद में
मैं सुनाऊं और तू इरशाद कर



एक दो ही बस लिखो अच्छी लिखो
ना कविता कि घणी औलाद कर

टेढ़ी मेढ़ी लिख के उसको सौंप दे
ना लिखी जाये तो एक उस्ताद कर

कोई गर सुनता नहीं तेरी गज्ज़ल
मस्त होकर लिख ना यूँ अवसाद कर

ब्लॉग है ये, इसमें सब कुछ चल रहा
हँस के सह, ना कोई  " माओवाद" कर


हम तो ऐसे ही कहेंगे  जी "गज्जल"
तू टमाटर फ़ेंक  चाहे दाद कर

*******

याद कोई दिल में फिर ईजाद का
फिर से वो गुज़रा ज़माना याद कर

ये शहर है मत बहा आँखों से नीर
रख संजो कर जल ना यूँ बर्बाद कर

क्यूँ लुटे गुलशन पे हैरां हो रहा
चल कोई गुलशन नया आबाद कर

क्यूँ फंसा बैठा है मक्कड़जाल में
खुद को इस जंजाल से आज़ाद कर

छोड़ना पड़ जायेगा हर घोंसला
अब  बसर "यू,पी" में या "दिलशाद" कर

हम तो जैसे हैं भले हैं अब "स्वप्न"
तू ख़ुशी  से खुद को इक "नौशाद" कर

गर भला करना है कर नज़रें झुका
पर, जताकर , ना कोई इमदाद कर

जीते जी तरसा दिया एक कौर को
बाद मरने के ना उनका श्राद्ध कर

आपने पढ़ ली मेरी सारी "गज्ज़ल"
चलिए अब चलता हूँ "धन्यवाद" कर

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10 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत लाजवाब लिखा है ... स्वपन जी ..
आपको और आपके समस्त परिवार को होली की शुभ-कामनाएँ ...

M VERMA ने कहा…

कोई गर सुनता नहीं तेरी गज्ज़ल
मस्त होकर लिख ना यूँ अवसाद कर
गुरू मंत्र ले लिया जी
सही कहा है

vandana gupta ने कहा…

aaj to tarif ke liye shabd kam pad rahe hain..........holi ka sali rang bhar diya hai.........khoob bhigo bhigo kar laga rahe hain..........sabhi ek se badhkar ek hain.

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बढ़िया है जी.....होली की अग्रिम बधाई।

Udan Tashtari ने कहा…

हा हा!!

बस्स!! अब रोज तो नहीं सुनायेंगे न इतनी टिप्पणी देख कर...:)


ये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
गले लगा लो यार, चलो हम होली खेलें.


आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.

-समीर लाल ’समीर’

girish pankaj ने कहा…

hazal aur ghazal dono theek lagee. holi ki shubhkaamnayen,,

kshama ने कहा…

Wah..wah!
Holi mubarak ho!

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

स्वप्न जी आपके ब्लोग पेज खुलते ही मन पुलकित हो उठता है राधेश्याम जी के दर्शन पाते ही1उनके प्रेम रस से सरोबर कविताएं आनन्दित कर देती हैं1मै आपकी नई पाठक बनी हूँ बधाई स्वीकार करें 1
होली की शुभकामनाएं
सुमन कपूर (सुमन’मीत’)
नई रचना –होली के रंग में
Visit me on http://knol.google.com/k/suman-meet/आस-थ-क-ड-र-च-र/1mgjfgulsbtwv/9
इस लिंक पर एक लेख लिखा है आपकी प्रतिक्रिया चाहूंगी 1

निर्मला कपिला ने कहा…

कोई गर सुनता नहीं तेरी गज्ज़ल
मस्त होकर लिख ना यूँ अवसाद कर\वाह हम तो बडी खुशी से सुन रहे हैं दोनो हज़लें लाजवाब है\ होली की हार्दिक शुभकामनायें

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

Kash har koi itni achhi gajjal likh pata. Majja aa gaya. Holi ki shubhkamanayein.