उपरोक्त शीर्षक चित्र श्री श्री राधा श्याम सुंदर , इस्कान मंदिर वृन्दावन, तिथि 15.04.2010 के दर्शन (vrindavan darshan से साभार ).

शुक्रवार, 21 जनवरी 2022

चरणों मे मुझको रख लो बृज की ही रज समझ

चरणों मे मुझको रख लो बृज की ही रज समझ कर 

चरणों मे मुझको रख लो बृज की ही रज समझ कर चरणों से मुझको प्यारे हरगिज़ जुदा ना करना

 अब पास आ गया हूँ तेरे तेरी  गली में 

जीना भी है इसी में अब है इसी में मरना 


मुद्दत से थी तमन्ना तेरे करीब आऊँ

 तूने कृपा करी है आगे कृपा ही करना 


में बन गया पड़ौसी तेरा करीब आकर 

तुझसा हो गर पड़ौसी दुनिया की फिर फ़िकर ना


 अब रोज़ हम मिलेंगे,अब रोज़ होंगी बातें 

तेरी गली से प्यारे,  अब रोज़ है गुजरना 


तूने वो दे दिया है, मैं धन्य हो गया हूँ 

वो ऋण दिया है मुझको चाहूँ ना मैं उतरना


 अब सत्य होंगे सारे ,जो "स्वप्न' मैंने देखे 

अब स्वप्न टूटने का दिल में कोई है डर ना (योगेश वर्मा स्वप्न 09:05:2019)

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